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चचे झक्कास की बकझक !

aaina
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चचे झक्कास गंजे सर में भी जूं ढूंढने में माहिर है और इसीलिए हमेशा चर्चा का विषय बने रहते है ..अब ज्ञान बांच रहे है कि पाक आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक हुई या नहीं “राम ” जाने लेकिन देश के विपछियो की सर्जरी जरूर हो गयी ,सब चुप है , इधर सरकार की बिगड़ती छवि एकाएक सुर्ख हो गयी और उधर नवाज ए पाक के साथ भी विपछ एकजुट “मिले सुर मेरा तुम्हारा ” गा रहा है ..


बकलोल सोशलबाज आरोप लगा रहे है ” किस्सा कुर्सी का ” नाटक मंचित हुआ है कि चलो भाई पडोसी राजा युद्ध -युद्ध खेलते है ,तुम हमको गाली देना, हम तुमको ,दोनों के देश में राष्ट्रवाद हिलोरे मारने लगेगा …और दोनों की झंझट ख़त्म .


धत्त भला ऐसा भी कभी होता है ? देश में कोई संजीदा नहीं है –हर बात में राजनीति ,किसान मरे या जवान बस राजनीति ! किसान का कर्ज माफ़ करें या देश की सुरछा ,अब देखो फ़्रांस से ३६ मिसाइल खरीदी है -एक मिसाइल १६०० करोड़ की , अमेरिका से हार्पून मिसाइल ली .पता है कितने का सौदा है- पूरे २०० अरब डॉलर का खर्च …आखिर देश का सवाल है -इसमें राजनीत नहीं होनी चाहिए . ये अच्छी बात नहीं है .

अब जब सर्जिकल स्ट्राइक की है तो ढोल भी नहीं पीटें ? वाह साब वाह . सरकार ने संसद में कहा तो था ” हम मनरेगा का ढोल पीटते रहेंगे . वैसे सच बात तो यह है ढोल पीटने के लिए ही होता है ,इसका फायदा होता है चुनाव में भी और युद्ध में भी . अब देखो ना सर्जिकल स्ट्राइक का ढोल पीटने से उडी हमला करने वाले पाक के भी होश उड़ गए है और देश के बचे-खुचे विपछ के भी होश फाख्ता है .सब मिलजुल फ़िल्मी संवाद का उद्घोष कर रहे है –जला के राख कर दूंगा , या राजकुमार स्टाइल के डायलॉग झाड़ रहे है -हम मारेंगे ,जरूर मारेंगे , लेकिन जगह भी हम तय करेंगे और गोली भी हमारी होगी ..


-चचे झक्कास जब चने के पेड़ पर चढ़ जाते है मतलब “दो घूँट अंदर , तो क्या करेगा बन्दर” वाली मिसाल हो जाती है , पक्के भक्ति मार्गी है , कोई सवाल नहीं सवाल करो तो आज के चलन के मुताबिक झिड़क देते है तुम साले देशद्रोही हो .. किसी से किसी भी बात पे झगड़ा होने पर देशद्रोही कहना जुमलेबाजी हो गयी है . ..
गली के मंदिर पे बैठने वाले पुजारी जी ने बताया था ” भगवान् कृष्ण ने गीता में कहा है ग्यानी मुझे अत्यंत प्रिय है बल्कि साच्छात मेरा ही स्वरुप है ” —कौन मानता है ” क्योंकि ग्यानी हर स्थिति में प्रश्न करेगा , संदेह करेगा , और सत्य को विवेक की कसौटी पर कसेगा —


लेकिन हमारे चचे झक्कास ? पक्के अंधभक्त है -कभी पश्न नहीं करते और ना ही करने देते है -डंडा लेकर दौड़ा देते है ,मार भी देते है …अरे छोड़िये जी उत्तर प्रदेश चुनाव सर पर है और अपन चचे झक्कास की झकझक में उलझे हुए है .

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