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नीति -आदर्श -सिद्धांत की दुहाई देकर देश की राजनीति की दिशा बदलने का दावा करने वाले “आप” तो बड़े वो निकले ..आपने दिल्ली का दिल तोड़ दिया , बड़ी उम्मीद से झोली भर -भर के दिल्लीवासियो ने दुआएं देकर आपका ऐतिहासिक विजय तिलक किया था . औरों की तरह आपने भी धोका दिया . आप भी बईमान निकले . २ साल में ही आपका दम फूल गया और खांसते -खांसते आप हांफने लगे .
चुनाव के समय हर दूसरी पार्टी के नेताओ पर ऐसे -वैसे जाने कैसे- कैसे आरोप लगाए आपने ..अपशब्दों तक का प्रयोग किया ..और अब आपके विधायक -मंत्रियो पर रिश्वत , नारी उत्पीडन , चार सो बीसी के आरोप लग रहे है .एक दर्जन “आप”के लोग हवालात और जेल की हवा खा चुके है कई और जेल जाने का रास्ता बना रहे है .
यह सही है की संसद और विधानसभाओं में ३०-३५ प्रतिशत जन प्रतिनिधि गंभीर और जघन्य आरोपो में नामजद है और उन पर कार्यवाही नहीं हुई , ये भी सही है की देश के प्रधान सेवक ने संसद में अपने प्रथम संबोधन में कहा था ” संसद ” में ऐसे वैसे आरोपो में नामजद सांसदों पर क़ानून बनाकर संसद से स्वच्छता अभियान शुरू किया जाएगा ..लेकिन ? जुम्लेबाजियो की राजनीति करते -करते देश के नागरिकों के हाथ में झाड़ू पकड़ा दी गयी .
दूसरों के पाप गिनाने से आप पुण्यात्मा नहीं हो जाते ..ये कहना भी पर्याप्त नहीं है की देखो दूसरो से हमारी पार्टी की कमीज कम गन्दी है . “आप” की बड़ी -बड़ी बातों , दर्शन और नीतियों से दिल्ली ही नहीं पूरे देश में नई हवा चली थी ..मतदाताओं को टोपी पहिनाने वाले कई राज दल आपकी तरह टोपी पहनने लगे थे ..लेकिन परस्पर प्रतिद्वंदी राजनीती करते करते “आप” भी दुसरे राजदलो की कूटनीति ,छल -प्रपंच लीला में शामिल हो गए . भाषा -मर्यादा की सीमा लांघकर आपने हर दूसरी पार्टी के नेताओं पर ऊँगली उठाई , अफसर -पूंजीपतियों को भी गरियाया ..ये कहावत जानते हुए की जिनके खुदके घर शीशे के होते है वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते . .. या ” जिनके घर शीसे के होते है वे बत्तियां बुझा कर कपडे बदलते है ” ….लेकिन “आप”के मंत्री तो सार्वजनिक तोर पर जो नहीं बोलना चाहिए , बोलते रहते है , कैमरे के सामने जो नहीं करना चाहिए ..कर देते है …और मजा यह है पकडे भी जाते है .
आप को यही सलाह है अपने घर और दिमाग का वास्तु दोष ठीक करें ..अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है …समय है …
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