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मेरे स्वर्गलोक के प्यारे मित्रो ,
अभी अखबार टीवी पर पड़ा – सुना नेता लोग का बयान “सियासत करने वालो पर मुकदमे नही चलने चाहिये”- तो तबियत हरी हो गयी . सही कहा है .आखिर नेता लोग देश -राजनीति चलाते है .यहा तक कि कानून तक बनाते है फिर भला कानून बनाने वालो पर ही कानून का डंडा क्यो ? बात सही लगती है . अपन के देश में यही रिवाज है .
पछ प्रधान चिंघाडता है मेरे दलित भाइयों को मत सताओ, गोली चलानी है तो मेरे सीने पर मारो ,तालियाँ बजती हैं अखबार ओर टीवी की सुर्खियाँ बनती है ,आयेदिनो की तरह दूसरे दिन ही गौ माता के भक्तगण मरे जानवर को ठिकाने लगाने से मना करने वाले दलितों की पीठ सुर्ख कर देते है . इसे कहते है चित्त भी मेरी ओर पट्ट भी , मरी गाय की खाल उतारो तो पिटो ओर इंकार करो तो भी . उधार राजस्थान की गौशालो मे 400-500 गौ माता जी भूख-प्यास से स्वर्ग सिधार जाती है ओर कोई अनुष्ठान नही . लालू जी कहते है हमसे बड़ा गोभक्त कौन हो सकता है ..लेकिन भाई गोमांस निर्यात से मोटी कमाई भी तो बंद कराओ .
संसद मे सोने की प्रतिभा वाले प्रतिपच्छ युवराज प्रधानमंत्री जी की सूट नीलामी पर तंज़ कसते है ,जो पहिले 10 लाख के सूट पहिनने पर संसद मे मसखरी का रहे थे . कमाल है सूट पहिने तो तंज़ ओर नीलाम करे तो तंज़ . मनोहर जी ने क्या गलत कह दिया कि पाकिस्तान जाना नर्क समान है ? प्रतिपच्छी भी गुणी लोग होते है हमारे देश मे .झट्ट से सवाल दाग दिया प्रधानमंत्री जी , विदेशमंत्री ओर गृहमंत्री जी नरक मे क्या करने गये थे ?अपने मीडिया के भाई लोग भी बात मुंह से निकली नहीं कि पकड़ कर रगड़ देते है . उनके हाथ जैसे अदरख लग जाती है . खामखा के पार्टी प्रवक्ताओ को बिठा कर हाय तोबा -तू तू में में का घिसा-पीटा खेल दिखाने लगते है . गजल प्रेमी पहेली सुलझा रहे है कि नरक मे भी ग़ुलाम अली जैसे ग़ज़ल सम्राट पाये जाते है,? ए तो कमाल है .?
मनोहर जी के रहस्योद्घाटन के बाद ही पाक जाने वाले वित्तमंत्री जी बिदक गये ओर जाने से इंकार कर दिया ,अपनी जगह वित्त सचिव को नरक मे भेज दिया .
देश के संघम हिन्दू नागरिको की घटती आबादी से चिंतित हो गये है ,और महाभारत की कथा सुना कर धर्म स्थापना का उपदेश दे रहे है .,जबकि दार्शनिक देश की बडती आबादी का रोना रोते रहते है ..वैसे इनका तो काम ही यही है ..रोते रहो ..रास्ट्र के बारे मे मत सोचो, रास्ट्रवाद क्या होता है तुम क्या जानो अरविन्द बाबू ..तुमतो बस जंग में ही उलझे रहो ..तुम्हरे लिये तो यही बहुत है ..
इधर समाजवादी बप्पा ओर चचा लोग मुख्यमंत्री को कूटनीति का क ख ग रटाते -रटाते परेशान है.. हर रोज उनकी जान को नया बखेड़ा खड़ा कर रहे है -समझा रहे है -बुझा रहे है –डांट-डपट रहे है ..बच्चू वोट का गणित समझो एम वाई का योग होता है माई..यानि मेरा ..मेरा उत्तर प्रदेश …..
राजनीति की बहिन -बुआ जी अपनी निष्ठां कच्छा-बनियान की तरह बदलते हुए राम भजन करते स्वामियों से परेशान है और गाँठ के दलित वोट खिसकने के बुखार से पीड़ित है . बहिन जी अपनी बनाई मूर्तियों के भीतरघात के चक्रव्यूह में फंस गयी है ,तो मुस्लिम भाई लोग इधर जाए कि उधर जाएँ वाला गीत गा रहे है .कोई माई का लाल थाली से गायब होती दाल रोटी की बात नहीं कर रहा है जैसे दाल रोटी की बात करना पिछड़ेपन की निशानी है .
खैर स्वर्गवासी भाई लोग अगले साल यु० पी ०पनजाब और गुजरात के चुनावो के लिए नेता लोग जादू मंतर करने में लगा है …देश की चुनाव प्रणाली में पता नहीं किसके नाम की लॉटरी खुले ..फिर तो वही गीत ..” अब किसको क्या मिला ये मुक्कद्दर की बात है ..” उधर अडानी ,अम्बानी ,ललित मोदी और माल्या सरीखे दानवीर ,कर्मवीर दान-दहेज़ का हिसाब -किताब लगाने में लगे है . अब छोड़िये भी बहुत हुआ ससुराल सिमर का देखिये या कपिल शर्मा लाईव देखकर पेट पकड़ कर हंसिये ..इसी में भलाई है …
सभी स्वर्गवासियो को नमन !
आपका स्वर्गवासी
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