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शर्म आती है मगर !

aaina
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अपन उस देश में रहते है जहां संसद के उच्च सदन राजयसभा के सदस्यों के चुनाव में नैतिक-अनैतिक ,साम दण्ड भेद सब हथकंडे पार्टियां अपनाती है –अपने विधायकों को पांच सितारा होटल में नजरबन्द करती है और तो और उनके मोबाईल बाहर जमा करा लेती है –विधायकों के खरीद फरोख्त के समाचार भी अखबारों और टीवी की सुर्खियां बनती है —ताज्जुब होता है जब वर्तमान में भगोड़ा घोषित श्रीमान विजय माल्या जी धन बल से कभी राज्य सभा सांसद[भूतपूर्व] चुन लिए जाते है –ऐसे ही माननीय हमारे देश को दिशा देते है. ..इस देश में प्रथा है की जिस विचारधारा की सरकार है उसके सदस्य ही विभिन्न प्रदेशों के अति संवेदनशील और संवैधानिक कहे जाने वाले गरिमामयी पद ” राजयपाल ” जैसे पद पर नियुक्त किये जाते है फिर उनसे विभिन्न विचारधारा वाले नागरिकों के साथ न्याय की बात सोचना भी फिजूल है … ..बल्कि सभी संस्थानों में भी सत्ता भक्त विराजित किये जाते है ,जो खुलेआम “सत्ता भक्त” या “चमचा” कहने का साहस कर सकें … फिर सोच लीजिए अंजामे गुलिस्ताँ क्या होगा .


अभी यू पी के चुनाव घोषित भी नहीं हुए है –लेकिन वोटो के शिकारियों ने जाल बिछा दिए है –दादरी ,मथुरा और अब कैराना के आसमान पर एकाएक मानो गिद्ध मंडराने लगे है –प्रदेश के नागरिकों को हिन्दू-मुसलमान -अगड़े-पिछड़े और दलित वोटो में बांटने की तैयारी है और चिंता की बात यह है कि देश के सभी राजदल इस कुटिल लीला में बेशर्मी से शामिल है .विगत दिनों मथुरा के जवाहर बाग़ प्रकरण में किस बेदर्दी से एसपी और इन्स्पेक्टर गुंडों ने घेर कर मार दिए ,सबने देखा –शासन-प्रशासन की ये दशा है इस देश में ..कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी -पूरा देश ही “जवाहर बाग़” में तब्दील हो गया है ..

बहरहाल उत्तरप्रदेश और पंजाब में अगले साल चुनाव होने है और यह चुनाव पूर्वाभ्यास है -शतरंज की बिसात बिछाई जा रही है ,इस खेल में प्यादे बेदर्दी से मार देने का चलन है –इनकी गिनतियों पर ज्यादा हो हल्ला होगा तो मुआवजे का भी इंतजाम रहता है — मुआवजे लेने के लिए मन बना लीजिए –


अभी हाल में प्रसिद्द साहित्य्कार और नाटककार मुद्रा राछस जी का निधन हुआ है –उनके बहुचर्चित नाटक “आला अफसर “के गीत की पंक्तियाँ ,जिनमे नेताओं और राजनीति पर तंज किया गया है – विनम्र श्रृद्धांजलि !
गाईये गणपति जगवंदन ,जिनके कान ना सुनते क्रन्दन
हर सवाल का सदा एक हल ,नारे घिसो लगाओ चन्दन

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