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युग वापसी !

aaina
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घर वापसी की तर्ज पर आधुनिक युग में मध्य युग की वापसी की तैयारी हो रही है -मंदिर मस्जिद के झगडे है–जब कबीर जैसे महात्मा इन पाखंडी मूर्खो को धर्म -आत्मा -परमात्मा के सत्य समझा रहे -थे ,पाखण्ड पर प्रहार कर यत्र -तत्र -सर्वत्र विराजमान परम सत्य को स्थापित कर रहे थे। जैसा शंकराचार्य प्रभु ने कहा है कण कण में परम चेतना है -यानी राम है ,ईश्वर है,पैगम्बर है ।
आश्चर्य यह है कि ये अप्रिय- विद्वेष बढ़ाने वाली ऐसी वैसी जैसी बातें उठाने करने में सिरफिरे लोगो के साथ सरकार और उसके सहयोगी संगठन के लोग भी शामिल है-या उनका मौन समर्थन है –
आज देश मे कई प्रान्त ऐसे है – जहा बेचारे नागरिक घास की रोटिया खाकर जीवित है .देश की आधी आबादी रोटी -पानी – बिजली -रोजगार -शिछा -चिकित्सा के वास्तविक प्रश्नो से जूझ रही है ,तब मंदिर मस्जिद जैसे मुद्दों पर देश में बहस हो रही है तो आश्चर्य है। शर्म आती है -राजसत्ता इन दुष्ट -पाखंडी अराजक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करती। ऐसे मुद्दे कभी सरकार की “मन की बात” कार्यक्रम के विषय नहीं होते। -सबको वोट की राजनीति करनी है -सर्व धर्म सम्भाव जाए भाड़ में ..
सबको पता हे इन मंदिर मस्जिदो के खाते मे रोज लाखो का चढावा आता है -ओर ये धन नागरिको के खून पसीने की कमाई है ।–क्या किसी सरकार मे हिमूमत है इन मंदिर मस्जिदो मे जमा धन नागरिको के कल्याण मे उपयोग करने का कानून बनाये ? -ये धन शासन के कोष मे जमा किया जाये ? देश के मंदिरों- दरगाह -मस्जिदों के खाते में इतना धन है कि देश के भूखे-नंगे दरिद्र नारायण के होंठो पे निश्चित मुस्कान आ सकती है -हर गाँव में स्कूल-अस्पताल बन सकता है।

– -जाओ पहले देश के नागरिको की रोजी -रोटी -पानी बिजली शिछा चिकित्सा रोजगार समस्याऐ हल करो उसके बाद —-मंदिर मस्जिद की खूब राजनीति करो —


भेड के चेहरे पहन कर आ गये है भेडिए —-सावधान !

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