उत्तर प्रदेश में नॉएडा अंतर्गत दादरी के एक गाँव में मंदिर के पुजारी द्वारा फैलाई गयी अफवाह के चलते सेकड़ो कट्टर धर्मांध लोगो ने गाँव के ही एक मुस्लिम अिखलाख के घर धावा बोल दिया –उसे पीट पीट कर मार दिया ,उसके पुत्र को मरणासन्न कर दिया — और इसी दुर्दांत घटनाक्रम के साथ देश के राजनैतिक प्रतिद्वंदियों में वोट बैंक के बंदरबांट हेतु घृणास्पद खेल शुरू हो गया –परस्पर आरोप-प्रत्यारोपों की कुत्सित राजनीति .–बिहार में चुनाव जो हो रहे है —
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशमंत्री दुःख व्यक्त कर रही है की इससे देश की छवि बिगड़ रही है –गृहमंत्री ऐसी घटनाओ पर अफ़सोस कर रहे है –दादरी के दर्द से एक बार फिर देश के संविधान के दिल पर लगे पुराने घाव ताजा हो गए है .-कई -कई मुज़फ्फरनगर टीसने लगे है। इस देश में चुनाव अवधि में इसी तरह अफवाहों की लहर पर सवार होकर राजनैतिक उद्देश्यों के तहत आतताई गाँव और शहर में आग लगाने निकल पड़ते है और दर्जनो घरो में रोते-बिलखते बच्चे-बूढ़े-औरतों के क्रंदन -चीख -पुकार गूँजने लगती है , कोई अिखलाख .रमेश -महेश या दिनेश की लाशें टीवी अखबारों में सुर्खिया बनती है -बयानबाजी होती है –और राजनैतिक दलों के खेतों में वोटो की फसल लहलहाने लगती है —
–हादसा है —
-इस काण्ड को यूएनओ ले जाएंगे –
-ये देशद्रोही है –
-मर जाएंगे , या मार देंगे
-पाकिस्तान चले जाओ –
-मुआवजा –५-१०-२५- लाख –
-सीबीआई जांच –या जांच आयोग गठन —
दर्जनो परिवार तबाह -भविष्य पूर्ण अंधकारमय -और इन मामलो में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट तो आती है ,लेकिन गुनाहगारो के विरुद्ध प्राय कुछ होता दीखता नहीं है–फिर जांच आयोग गठन का औचित्य ? हर वर्ग-जाती-सम्प्रदाय -धर्म के कुछ राजनैतिक लोग देश में अराजक माहोल उत्पन्न कर रहे है –आखिर किस- किसको देशद्रोही कहें –? संविधान विरद्ध — आचार-व्यवहार -विचार के कानूनो का खुला उल्लंघन कर रहे है ,वे थोड़ा-बहुत देशद्रोह कर रहे है–
देश के प्रधानमन्त्री अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों को भारत में सुरक्छित निवेश का भरोसा दे रहे है ,इधर उनके मंसूबो पर देश के कुछ प्रमुख राजदल , उनसे जुड़े संघठन पानी फेर रहे है –तभी विदेशमंत्री जी ने कहा हां विदेशो में देश का नाम खराब हो रहा है .
कई राजनीतक दल वोटो के लिए सामाजिक समरसता छिन्नः -भिन्न कर —-सत्ता-कुर्सी के लिए कुछ भी नैतिक-अनैतिक -हथकंडे अपना रहे है –और एक पाखंडी -अराजक-असभ्य–कबीलो में बंटा हुआ समाज निर्मित हो रहा है –
वर्तमान वोटबैंक-ध्रुवीकरण की कुटिल राजनीति का तिलिस्म टूटना चाहिए ..चुनाव सहिंता में ऐसे प्राविधान आवश्यक है . कहा जाता है कभी हमारा देश” विश्वगुरु ” बनेगा -क्या ऐसे चरित्र और चेहरे के साथ ? मानव सभ्यता के इतिहास में अभी निकटतम अवधि में हुए बुद्ध -महावीर और नानक जैसे देश के प्रेरक महापुरूषो को जानने-समझने का अवसर है — “भारतीय ” की गरिमा पूर्ण मनुष्य होने में है –
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