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अमां हियाँ बैठे हो अपन कहाँ कहाँ मुंह मार कर आ रहे है तुम्हारे लिए —टीवी देखा अमेरिका में मोदीजी अपनी माँ के सवाल पर कितने दुखी हो गए पता है –बेचारे रोने लगे –उनको देखके सच में अपन भी बहुत उदास हो गए –उनकी माँ ने दूसरों के यहाँ चोका -बर्तन और मजदूरी करके उनका पालन किया है –टीवी पर दिखा रहे थे उनकी बात सुनकर अमेरिका के लोगों की आँखों में भी आंसू आ गए —
सच है भैये मोदी जी सिर्फ अपनी माँ के सवाल पर नहीं बल्कि उन जैसी देश की करोडो करोडो माओं की दशा पर चिंतित हुए –आज भी ६०-७० प्रतिशत परिवार ऐसी ही स्थिति में जी रहे है–बल्कि इससे भी गए-गुजरे हालातो में — अपने देश के इन निर्धन नागरिको का दर्द मोदीजी की आँख से बह निकला है —
अमा एक बात बताओ फिर ये स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया का क्या मायने है –किसके लिए –? दशको पूर्व इंदिरा जी गरीबी हटाओ का नारा लगाते हुए शहीद हो गयी –फिर मेरा भारत महान और शाइनिंग इंडिया भी खूब हुआ और अब स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया —भाई अपन की खोपड़ी और झोपडी में इतनी बड्डी – बड्डी बातें समाती नहीं है —
भैये तुम नहीं समझोगे इसे राजनीति कहते है और राजनीति में नए नए वादे-नारे और प्रोग्राम बनाने पड़ते है –बिलकुल ऐसा ही है जैसे सड़क छाप मदारी आँखों-दांतों का मंजन-अंजन बेचने से पहले मनोरंजन -जादू वगैरह दिखाता है –कुछ ऐसा ही राजनीति का मामला है –सब तरह के पापड बेलने पड़ते है –खैर तुमसे क्या कहु –अक्ल के बारह बजे दिखाई देते रहते है शक्ल पर। .
अमा ये अच्छी बात नहीं है बात बेबात मेरी अक्ल और शक्ल की बात करते रहते हो ,हम हियाँ कुछ समझने आये थे देश-विदेश की बात और तुम फिजूल शंका करते रहते हो —
भैये अपन तो लघुशंका के लिए भी सांस रोककर दूर दूर तक भटकते रहते है इस शहर में —-और शंकाए तो बहुत है पर करें क्या– किस्से कहें —
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