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कब है होली !कब… /इलेक्शन २०१२/

aaina
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बसंत की खुमारी तन-बदन में छाई है ,मन सरसों की तेज महक से महक रहा है ,तो पुरवाई हवा चेतना के लत्ते-पत्ते उड़ाई दे रही है . शिवरात्री आते आते चिल्ला-जाड़ा भी नदिया में डूब मरने पर आमादा दिखाई दे रहा है . नई नवेली भांग की पत्तिया सिल बट्टे पर घिस -घिस कर तबियत मद्मामस्त किये दे रही है और ऐसे पगले मौसम में प्रदेश में गली गली कूकर-शूकर की जगह तीतर-बटेरो की तरह हाथ जोड़े वोट मांगते नेतागण चिरोरी करते घूम रहे है .अब के यार होली में चुनावों की डुगडुगी बज रही है तो भैया इतना समझ लीजे की भांग की तरंग में कही ऐसा ना हो की दारू -शारू किसी की और बटन किसी और पर दबा दे ….हमसे ना कहना ...
अब किसी का भी बटन दबाव क्या फर्क पड़ जाने वाला है हर पार्टी का नेता सब्जबाग दिखा रहा है लेकिन कसमे-वादे प्यार वफ़ा सब वादे है वादों का क्या …अब तक ना जाने यहाँ कितनी बार चुनाव हुए है वादे हुए है लेकिन मजा देखिये की अभी तक कसम-वसम और वादों के लिए वही घिसे-पिटे नारे – वादे….बचे है .भैया मेरे पिछले वाले कसम और वादों का क्या हुआ ….फिर भी दिल को बहलाने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है ..इसलिए दिल खोलकर मतदान कीजिये इस मत- महोत्सव का स्वागत कीजिये हम और आप इसके अलावा कर भी क्या सकते है .
सब पार्टी के नेता जानते है की इस जगह किस जाति-धर्म का बोलबाला है तो उसी जाति वाले भैया के नेता को टिकट दिया है फिर हाथी वाले भैया लोग क्यों हाथी से नीचे उतरने वाले है और ” ताहि अहीर की छोहरिया छछिया भर छाछ पर नाच नचावे ” वाले ग्वाल-वाल साइकिल की सवारी में ही भलाई समझ रहे है अब बचे शर्मा-वर्मा और अग्रवाल वाले भैया लोग तो वे इधर-उधर मुह मार रहे है की ” यहाँ कौन है मेरा मुसाफिर जाएगा कहा ” ..

खैर चुनाव के बहाने अपने यूपी में गाने-बजाने मौज-मस्ती, हंसी-ठिठोली का खुशनुमा माहोल बना है . सभी दल दुसरे दलों की बखिया उधेड़ने में मशगूल है .परस्पर गोबर /कीचड उछाल उछाल कर होली खेल रहे है . शादियों में ओरतों की तरह हाथ नचा- नचा कर गाली गीत गा रहे है और इस परिद्रिस्य में नागरिक फुल मजा ले रहे है . पार्टी-दफ्तरों में सुबह से शाम तक चालू भंडारे में खट्टी-मीठी डकारे ले रहे है और भिन्न-भिन्न नशों के इंतजाम अलग से ..सूखे भी और गीले भी . एक सुझाव आया है की होली में हर बार लगातार इसी तरह चुनाव का नाटक-नौटंकी होनी चाहिए ताकि हर नागरिक साल भर इन्तजार करे और एक-दुसरे से पूछे यार होली कब है …कब है होली .

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