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माननीय प्रधानमंत्रीजी के पास सचमुच देश की समस्याओं के निस्तारण के लिए जादू की कोई छड़ी नहीं है ,जैसा की वे कई बार स्वीकार भी कर चुके है, क्योंकि जादू की छड़ी तो अन्ना के पास है जिनका जादू देशवासियों के सर चढ़ कर बोल रहा है ,देशवासी ही नहीं सर्वोच्च संसद भी उनको सेल्यूट करने को मजबूर हो गयी .
जंतर मंतर से उठे मन्त्र रामलीला मैदान में भ्रस्टाचारी रावण का वध करने में कारगर रहे .हजारो-लाखों देशवासियों ने प्रत्यछ देखा तो करोडो नागरिको की भी इस महायग्य में सक्रीय भागीदारी रही . समूचे विश्व में महान भारत के दर्शन,अध्यात्म की प्रतिष्ठा है ही अब गांधी की अहिंसा से प्रेरित इस आन्दोलन ने भारतीय गणतंत्र की बहुआयामी सार्थकता को मुखर किया है एवं यहाँ सत्ता शक्ति सच में जनता के नियंत्रणाधीन है ,ये अनूठा सन्देश दिया है जो विभिन्न देशो के लिए आदर्श उदाहरण है .
कुछेक सांसदों ने अपनी बचकानी कारगुजारियो से सरकार की प्रतिष्ठा को आघात ही नहीं पहुंचाया है बल्कि आम जनता में सरकार के प्रति आक्रोश भी उत्पन्न किया है . किन्तु संसद में जन लोकपाल के मसोदे पर धीर -गंभीर एवं सार्थक विचार-विमर्श ने सांसदों का ही नहीं संसद का भी मान बड़ाया है . भले ही आधे-अधूरे मन से जन् लोकपाल के तीन मुद्दों पर ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया गया है पर फकीर अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए व्यापक जन संघर्ष के आगे देश की संसद नतमस्तक हुई है और पूरा जनमानस उन्हें सलाम कर रहा है .
भ्रष्टाचार ,कालेधन और महंगाई ही नहीं बल्कि चुनाव सुधार,शिछा ,पर्यावरण जैसे विषयों पर सरकार की निरंतर अनदेखी का कारण जन आक्रोश का प्रतीक बने अन्ना हजारे देश के इतिहास में नयी इबारत लिख गए है . जिसकी प्रतिध्वनी देश में वर्षों तक गूंजती रहेगी . जय प्रकाश नारायण के बाद अन्ना हजारे देश के युवाओं को झकझोरने में कामयाब है ताकि देश के पुनरुद्धार में सुप्त्प्राय एवं दिग्भ्रमित युवाओं की सक्रीय भागीदारी सुनिश्चित हो सके . जनतंत्र में जनता को अपने अधिकार के प्रति सदेव सजग रहने का सन्देश अन्नाजी ने दिया है . कई दशको बाद देश के दीन दुखी महंगाई
,भ्रस्टाचार, बेरोजगारी से पीड़ित जनता के मन में फकीर अन्ना सुखद भविष्य का स्वप्न जगा गया है . देश के लिए यह शुभ सन्देश है …
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