- 199 Posts
- 262 Comments
महाभारत में अभिमन्यु को कोरवों ने घेर कर मार दिया था . आज का अभिमन्यु नहीं मरेगा
… अन्ना की भ्रस्टाचार के विरुद्ध शुरू की गयी जंग के कारण देश के भ्रस्टाचारी सत्ता-विपछ के
कुछ नेता ,पूंजीपति और दलाल अन्ना और उनके साथियो पर चोंतरफा हमला बोल रहे है ,इस
मुहीम को हतौत्साहित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है . ऊंटपटांग बयान , फर्जी सीडी
, चरित्र हनन के कुप्रयास हो रहे है ..किन्तु इससे आम जनता में यही सन्देश जा रहा है की जन
लोकपाल बिल को रोकने के लिए हमारे रहनुमा किसी भी हद तक जा सकते है …जा रहे है .
एक सांसद ने अपनी निजी प्रयोगशाला में परिछन कर बयान दिया है की अन्ना असली गांधी
नहीं है . ..तो स्वनाम धन्य अन्य सांसद ने स्वीकार किया है की देश की व्यवस्था सड़ गल गयी
है ..हम इसके विरुद्ध खामोशी से काम कर रहे है..बस हीरो नहीं बनना चाहते .
भले ही देश के नागरिको के देश की रग रग में व्याप्त भ्रष्टाचार से उपजे गुस्से को अन्ना की
मुहीम ने मुखर किया है ..किन्तु जन जन से मिले अभूतपूर्व समर्थन से साफ़ है की पानी सर
से ऊपर हो गया है और बर्दाश्त करने की सीमा पार जा चूका है भ्रस्टाचार. जिसके कारण देश के
अब तो इस तालाब का पानी बदल दो ये
कमल के फूल भी कुम्हलाने लगे है . अब आर पार की लड़ाई का मन जनता ने बना लिया है .
इस सहज सन्दर्भ को , इस आहट को किसी भी राजनितिक पार्टी को अनसुना नहीं करना
चाहिए . ना ही हलके में लेना चाहिए .
सावधान दुर्योधन ! अपने अपने दलों में दुशासनो को चिन्हित करो और अन्ना की मुहीम के
विरुद्ध ज़हर उगलने वालो को बाहर का रास्ता दिखाओ ..अन्यथा जनता तुम्हारे मुकुट नोंच
लेगी . ..सिंहासन खाली करो की जनता आती है .
” देख उधर पूरब सुभाल में ,गहन विपिन के अंतराल में ,होता शुक्र उदय ”
दोड़ निकल आ घर से बाहर, देख हो रहा सर के ऊपर ,अम्बर ज्योतिर्मय
/गुरुवर रविन्द्र /
Read Comments