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उन्माद नहीं …ये खेल है प्यारे !

aaina
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३० मार्च को भारत -पाक के बीच खेले जाने वाले सेमीफाइनल क्रिकेट मैच को लेकर जनमानस में

व्यर्थ की उत्तेजना और उन्माद अनावश्यक है . अपने निकटतम पडोसी देश पाक के साथ छोटी-मोटी

बातो को लेकर तनाव का माहोल उत्पन्न नहीं किया जाना चाहिए ,यही दोनों देश के सभ्य नागरिको

के लिए उचित है ,क्योंकि विश्व के बदलते परिदृश्य में अब इन दोनों देशो को अत्यंत समझबूझ से

काम लेकर पुरानी कडुवाहट को भुलाकर सोहाद्र तथा प्रेम-मुहब्बत का वातावरण तय्यार करना ही

श्रेस्य्कर है .
इस क्रिकेट मैच को लेकर दृश्य और प्रिंट मिडिया को भी अत्यंत संयम

का परिचय देना उचित है ताकि हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव को छति न पहुंचे ..

प्रसंगवश देश के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंग द्वारा पाक के रास्त्रपति और

प्रधानमंत्री को मैच देखने हेतु न्योता भेजना निश्चित ही सुखद है एवं आपसी संबंधो के पुन्र्मुल्याकन

किये जाने का खुला आमंत्रण है . दोनों देशो के लिए एक नयी शुरुआत करने का अवसर है …साथ

साथ अपने नागरिको के कल्याण -सुख-समृद्धि के लिए काम करे ..प्रगति करे .

देश की लाडली और अब पाक की बहु सोनिया मिर्ज़ा का अपनी मात्रभूमि

भारत की जीत और शोएब मालिक का अपनी मात्रभूमि पाक की जीत के लिए दुआ करना अत्यंत

स्वाभाविक है . यद्यपि मिया-बीबी की इस तकरार पर दोनों देश के नागरिक मनोरंजन कर रहे है .

इसलिए भारत पाक के मध्य सेमीफाइनल पर यही भावना रखनी चाहिए की जो अच्छा खेलेगा वही

जीतेगा . भारतीय खिलाड़ी अब उत्क्रिस्ट खेल का परिचय दे रहे है इसलिए रास्ट्रीय भावना के तहत

हम देश के सभी हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाईदिल से चाहते है की सेमीफाइनल ही नहीं फाइनल में

भी जीत हमारी हो ,विश्व कप हमारा हो . …जय हिंद

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