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ग्चियो का जमावड़ा जो हो गया है …ये क्या हो रहा है भाई ?
अब इसी भंग की तरंग में आडवाणीजी ने रहस्योद्घाटन किया
की बाबरी विध्वंस से बीजेपी की साख पर बट्टा लगा है . अब बिना सिलबट्टा के भांग ढंग से घिसती कहा है और जब तक भांग घिसे नहीं पीने वालो को मजा नहीं आता जब तक मजा नहीं आता तो मन कलमाड़ी कैसे हो सकता है और मन कलमानी न हो तो खेल घोटाला कैसे हो सकता है .यह भी बहुत गहरी बात निकल कर आई है नशे में की बिना घोटाले के कोई राजा कसे हो सकता है और जब राजा होगा तो २गी स्पेक्ट्रम जैसा इन्द्रधनुषी रंग खिलेगा ही . धरती से लेकर अन्त्रिछ तक घोटाले की महक …आहा ..होली में दाग अछे लगते ही हे ,.
इधर सपा-भाजपा ने उत्तरप्रदेश के प्रश्नों पर सुश्री के साथ होली खेलने का मन बनाया तो ऐसी लट्ठमार होली हुई की सपा-भाजपा के बड़े बड़े तीसमारखां हुरियारे अब तक आयोडेक्स लगा रहे है ..लेकिन सपा-भाजपा के अध्यछ्जियो का फरमान है की आयोडेक्स मलिए काम पर चलिए क्योंकि उत्तरप्रदेश में चुनावों की घडी निकट आती जा रही है . अब ऐसी धुंआधार होली में में जाट बिरादरी कहा मानने वाली है वे भी घनघोर-घटाटोप होली खेलने पर उतारू है -कह रहे है की होली में हमको भी आरछन दो ,सबको बाँट रहे हो हमें डांट रहे हो ..पूरे पखवारे रेल की पटरियों पर नशे में लोटपोट हुए जा रहे है .
और ..प्रेमचंद की कहानियो के घीसू-माधव सरीखे देश के गरीब-गुरबा सूखी भंग गले में उतारकर पीपली लाइव हो गए है और चीख रहे है …महंगाई डायन खाय जात है ….
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