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तुम्हारी कसम ! /अनकहे प्यार की कहानी /भाग . १२

aaina
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/हरनाम सिंह अपनी भव्य हवेली में अपनी पत्नी के चित्र के सामने हाथ जोड़े खड़े है ,रमेश

दीवार पर टंगे टीवी पर मारधाड़ का विदिओगेम खेल रहा है उसके दोनों हाथ रिमोट पर

चल रहे है ,एवं टीवी पर अपने प्रतिद्वंदी पर तेजी से लात घूंसे बरसा रहा है /

हरनाम – नीहारिका ..मेरी जान ..में हार गया ..तुम्हारे नाम पर बन रहा नीहारिका स्टेट

का सपना पूरा नहीं कर सका ..मुझे माफ़ कर देना ..में क्या करू ..ये रामानंद ..

रमेश – /चेहरे पर तनाव /आखिर रामानंद है क्या चीज ..आप इससे इतना डर क्यों रहे है ..

हरनाम – बेटे ..इमानदार आदमी के पास इश्वर की ताक़त होती है ..नैतिक बल होता है

.            .मेने सबको खरीद लिया ..पुलिस ..अफसर ,नेता ,,लेकिन इस एक अकेले आदमी

ने मेरे सपने को चूर चूर कर दिया ..

रमेश -लेकिन डेड रामानंद अब तो राजनीति में नहीं है ..संन्यास ले चूका है ..बूडा और

कमजोर ..और इस आदमी का इतना डर
..
हरनाम – बेटे दधीच भी जर्जर था ..हड्डियों का ढांचा ..लेकिन देवताओं ने राछसो से युद्ध से

समय उसकी हड्डियों के भी अस्त्र बनाकर राछसो को हरा दिया ..दधीच की जर्जर

देह के साथ था उसका संकल्प ..अन्याय के विरुद्ध ..एक तिनका भी पहाड़ की

ताक़त पर भारी ho जाता है ..

रमेश – /नीहारिका स्टेट के मॉडल को देखते हुए /डेड ..नीहारिका स्टेट जरुर बनेगी

..आपका सपना पूरा होगा ..इस रामानंद को तो चुटकियो में रास्ते से हटाया जा सकता

है .
.
नेता -अरे रमेश जी रामानंद तो रामानंद ये साला मास्टर सिद्धार्थ ..ये तो वो बात हुई की

मेद्की को भी जुखाम होने लगा ..

रमेश -यही तो बात है नेताजी इस मास्टर की ताक़त है रामानंद ..जब जड़ ही कट जायेगी

तो मास्टर बेचारा अकेला क्या करेगा ..

नेता -सच कह रहे है रमेश जी ..किसानो को तो मुआवजा बड़ा कर कभी भी मना लिया

जाएगा ..बल्कि कुछ किसान तो दबी जुबान से कह भी रहे है ..मास्टर को चुप कराओ

हम तैयार है ..
रमेश -बस ठीक है …बाली ..

बाली – /काला भुजंग बाड़ी बिल्डर / हा मालिक ..

रमेश -रामानंद ..

हरनाम – /तेजी से /रमेश ..नहीं ऐसा मत करना ..ठीक है में बेईमान हु .भ्रस्त हु ..तो

इसलिए की देख रहा हु की बड़े बड़े नेता सिर्फ पैसा बना रहे है ..कोई आदर्श नहीं

.न्याय ,नेता ..पुलिस सब बिकाऊ है ..तो में भी पैसा बनाने की मशीन बन गया

.बेईमान हो गया ..लेकिन आज तक हत्या जैसा अपराध ..नहीं मेने अज तक नहीं

किया ..और रामानंद जैसे नेक आदमी की हत्या…राम राम ये महापाप में तुम्हे नहीं

करने दूंगा ..

रमेश – किस जमाने की बात कर रहे है आप ..ये जानते हुए भी की इस प्रोजेक्ट से हटने का

मतलब लाखो.करोडो का नुक्सान ..

हरनाम – बेटे ..मेने कहा न … हम कही और जमीन खरीद लेंगे ..में तुम्हे नहीं खोना

चाहता ..

रमेश -/झुन्ज्लाकर/ ओह डेड ..
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/तुषार और रीना एक पार्क में बैठे है /

रीना -तुषार जी सच मुझे आप जैसा दोस्त कभी नहीं मिला ..आपसे मिलकर जैसे मेरा

जीवन बदल गया ..

तुषार -ये डायलोग कितने लोगो को बोल चुकी हो ..

रीना – मतलब –

तुषार – आकाश ..आकाश से से भी तो तुम्हारा अफेयर है ..

रीना -/हँसते हुए /अरे नहीं ..वो बेचारा मासूम है ..ये मेरे काम का हिस्सा है ..रमेशजी ने

कहा तो /रूकती है /रमेशजी आकाश से कोई काम निकालना चाहते है ..

तुषार – लेकिन आकाश तो फंस ही गया ना तुम्हारे जाल में ..

रीना – में उसे सब बता दूंगी ..मेरा नया जॉब लगते ही ..

तुषार – नहीं अभी नहीं ..जब तक में नहीं कहू ..देखो रीना कल तक तुम रमेश का काम कर

रही थी अब जैसा में कहू वो तुम्हे करना है ..मुझे अखबार केलिए कवर स्टोरी चाहिए

.       .रमेश और हरनामसिंह के कालेकार्नामो का चिटठा …अरे हां इस महीने वोमेन एशिया

मेग्जिन जरुर खरीदना ..

रीना – सच ..मेरा फोटो अप्रूव हो गया ..

तुषार – यस डार्लिंग ..

रीना – ओहो …मेरा सपना सच हो गया …/रूककर /लेकिन महिना ख़त्म होने में तो अभी

दो हफ्ते और है ..

तुषार -इन्तजार करो ..फल मीठा होगा .. /तभी तुषार का मोबाइल बजता है /

तुषार – हां साँची ..कहो ..

साँची का स्वर – तुषार कल शो करना है ..शाम ५ बजे पहुँच जाना ..

तुषार -अरे बाबा तुम्हारी तो तबियत खराब थी ..मुझे चिंता हो गयी थी ..

साँची – तुम्हे मेरी चिंता भी होने लगी ..संच ..

तुषार -क्यों दोस्त की चिंता नहीं करनी चाहिए ..

साँची – दोस्त ../ठंडी सांस लेकर /अब ठीक हु ..याद रखना कल शाम ५ बजे
..
तुषार – ओके …पहुँच जाऊँगा ../मोबाइल बंद करता है /

रीना – किसका फोन था ..बड़ी आत्मीयता से बात कर रहे थे ..

तुषार – है कोई ..बहुत बहुत भली और नेक लड़की है ..

रीना – और हम खराब है ..

तुषार – तुम मेरी दोस्त हो ..में किसी को भ्रम में नहीं रखना चाहता ..अच्छा रीना चलता हु

..फिर मिलते है ..हां..रीना जो मेने कहा है याद रखना …प्राइवेसी जरुरी है …बाय …
……………………………………………………………………………………………………
क्रमश …शेष अगले अंक में /…

पाठको से निवेदन ..आप लगातार कहानी पद रहे है ..लेकिन अपने विचारों से अवगत नहीं करा रहे है …..प्लीज ..प्लीज ….अपने कमेन्ट दीजिये ना….
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